22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों की घृणित कार्रवाई के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का इस्तेमाल करके उन्हें प्रतिक्रिया दी। पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार के आतंकी शिविरों पर हमले से बौखलाई हुई नागरिक इलाकों को लगातार निशाना बनाया है।
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान ने एलओसी और भारतीय सीमा पर निरंतर फायरिंग की है। सिंदूर ऑपरेशन के बाद नागरिकों को सीधे निशाना बनाते हुए भारी गोलाबारी की जाती है। पाकिस्तान ने गुरुवार रात बिना उकसावे के जम्मू एवं कश्मीर के सीमावर्ती कस्बे में गोलाबारी की, जिसमें वाहनों और दुकानों को नुकसान हुआ। पाकिस्तान ने गोलाबारी करके लोगों के घरों को नुकसान पहुँचाया।
जम्मू-कश्मीर के एक सीमावर्ती गांव में एक स्थानीय ने कहा, “कल रात जब हमने अपनी दुकान बंद की, तो गोलाबारी शुरू हो गई।” मेरी दुकान आज सुबह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। ये बहुत बुरा है। यह मान लीजिए नागरिकों की लक्षित हत्या की तरह है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रशासन ने गांव खाली कराए
पाकिस्तान ने वीरवार रात को किए गए हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर सरकार ने भारत-पाकिस्तान सीमा और नियंत्रण रेखा से सटे गांवों को सुरक्षित रखने के लिए खाली कर दिया है। मकवाल गांव और मकवाल कैंप के लोगों को फ्लायं मंडाल में स्थानांतरित किया गया है। नागबनी में अन्य गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है, जिनमें गोलपत्तन, कानाचक, दयाैड़ा नपू, नई बस्ती, सांदवां शामिल हैं। मिश्रीवाला में खाैड़, पुंछ और नाैशेरा से आने वाले लोगों को ठहराया गया है।
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों की घृणित कार्रवाई के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का इस्तेमाल करके उन्हें प्रतिक्रिया दी। पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार के आतंकी शिविरों पर हमले से बौखलाई हुई नागरिक इलाकों को लगातार निशाना बनाया है। बुधवार देर रात हमले के बाद भी पीओके ने तंगधार और उड़ी सेक्टर में गोलाबारी की।
गोलाबारी के दौरान लोगों को बंकरों में छिपा दिया गया था। वह वीरवार सुबह निकला और अपने उजड़े आशियानों को देखकर रोने लगा। पाकिस्तान को भी कोसा। रात भर धमाकों की आवाज से वह सिहरते रहे, उन्होंने बताया। मैं नहीं जानता कि क्या होगा। किसी तरह जान बच गई है। पाकिस्तानी सेना के हाल ही में किए गए हमले में उड़ी सेक्टर के सीमा से लगे कई गांवों में कई घर और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अभी कोई मर गया है।
गोलीबारी से बुधवार को अधिकांश लोग सीमावर्ती क्षेत्रों से चले गए, इसलिए तंगधार में कोई नुकसान नहीं हुआ है। मंगलवार देर रात हुई गोलीबारी में तंगधार सेक्टर, कुपवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। उस दौरान लगभग सौ घर, दुकानें और अन्य निर्माण क्षतिग्रस्त हुए। करीब चालिस वाहनों को भी क्षति हुई थी। पाकिस्तान ने तंगधार क्षेत्र में घनी आबादी वाले शमसपोरा, बागबेला, त्रिबुनि, दिलदार, भटपोरा, नवगाबरा और आसपास के गांवों को निशाना बनाया, सूत्रों के अनुसार। त्रिबुनिमें सीधे हमलों से कई घर जल गए।
10 घर पूरी तरह जल गए
तंगधार में वीरवार को आए परमेंदर सिंह ने बताया कि हमारे गाँव में दस घर पूरी तरह जल गए हैं। रात करीब एक बजे गोलाबारी शुरू हुई और सुबह करीब 5:30 बजे तक चली गई। बुधवार देर रात उड़ी में भी गोलाबारी हुई। गोलाबारी में कई घर और गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गईं। कुछ घरों में भी आग लग गई। बुधवार को सेना और स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र से बहुत से लोगों को हटा दिया था। अभी तक कोई घायल नहीं हुआ है।
तारिक अहमद, स्थानीय निवासी, ने बताया कि वे बंकर में थे। हमले में उनका घर खराब हो गया। गोलाबारी के धमाकों से हमारा घर हिल रहा था, उन्होंने कहा। मुश्किल से हम बच गए। हम नुकसान का आकलन कर रहे हैं, तहसीलदार करनाह मोहम्मद अमीन भट ने कहा। लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में भेजा गया है। बाकी भी जा रहे हैं।
पाकिस्तान की गोलाबारी से सीमावर्ती नागरिक क्षेत्रों में आग लगने का खतरा है। इससे बचने के लिए अग्निशमन विभाग ने दमकलें लगाई हैं। श्रीनगर, बारामुला, सोपोर और पट्टन से एक-एक वाहन को फोन किया गया है, फायर एंड इमरजेंसी ऑफिसर शबीर उल हसन ने बताया। क्षेत्र में गोलीबारी के कारण पांच वाहनों को अलर्ट पर रखा गया है। स्थिति को नियंत्रित करने में प्रशासन सावधान है।
राजोरी सेना के साथ खड़े हैं लोग
पाकिस्तान की क्रूरता राजोरी को बहुत दुखी करती है। वीरवार को यहां शांति रही, लेकिन कुछ लोग तनाव में दिखे। लेकिन वे सेना के साथ खड़े रहने के लिए उत्सुक हैं। यहां से बहुत से लोग अपने प्रियजनों के घर चले गए हैं। राजोरी के डूंगी ब्लॉक के धारासांवला गांव से लगभग ३० परिवारों को दलोगड़ा गांव में स्थानांतरित किया गया है। उदर डूंगी ब्लॉक के शाहपुर गांव में रहने वाले लोगों को पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी से कोई डर नहीं है।इन लोगों का कहना है कि हम अपने घर छोड़कर कहीं और जाएं यदि सेना हमारी रक्षा के लिए यहां खड़ी है। सेना के जवानों के साथ हम यहीं कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। लोगों ने भारत सरकार और सेना को धन्यवाद देते हुए कहा कि पाकिस्तान पर तब तक निरंतर हमले किए जाएंगे, जब तक आतंकवाद पूरी तरह से उसके देश से बाहर नहीं निकलता।