मुश्किल में भारत का एक और पड़ोसी: बिगड़ सकते हैं हालात, बांग्लादेश के संस्थापक की विरासत मिटाने से जुड़ा मामला

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने केंद्रीय बैंक को दिए एक आदेश से देश में आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। बांग्लादेश के नागरिकों और पर्यटकों दोनों को इससे परेशानी हो रही है।

वर्तमान में दक्षिण एशिया में हलचल है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान पहले से ही तनाव में हैं। इस बीच, बांग्लादेश, भारत का पड़ोसी देश, भी परेशान हो गया है। यह संकट कूटनीतिक नहीं है, बल्कि आंतरिक परिवर्तनों से पैदा हुआ है। हालाँकि, बांग्लादेश के नागरिकों के अलावा वहां जाने वाले पर्यटकों को भी इससे परेशानी हो रही है।

क्या बांग्लादेश का वर्तमान संकट है?

शेख हसीना के बांग्लादेश की सत्ता से हटने के बाद से ही देश में राजनीतिक हलचल है। देश के निर्यात में भारी गिरावट हुई है। इसके अलावा, बांग्लादेश की विकास दर पर भी असर पड़ा है। इस बीच, अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का आदेश, जिसके तहत देश के करेंसी नोटों को बदलना होगा, बांग्लादेश पर भारी पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप देश भर में मुद्रास्फीति शुरू हो गई है और हालात लगातार खराब हुए हैं।

क्या यूनुस सरकार ने ये समस्या पैदा की?

बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीब-उर रहमान की तस्वीर को पिछले साल बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने हटाया था। इसके बाद बांग्लादेश केंद्रीय बैंक पूरी तरह से नए नोट जारी करेगा। दिसंबर में यूनुस सरकार ने घोषणा की कि 20 टका, 100 टका, 500 टका और 1,000 टका के नोट छह महीने में बाजार में आएंगे। केंद्रीय बैंक की प्रवक्ता और कार्यकारी निदेशक हुस्ने आरा शिखा ने कहा कि अगले छह महीने में सरकार नए बनाए गए करेंसी नोट छापकर सार्वजनिक करेगी।

किन परिवर्तनों के साथ नोट छापने की घोषणा की गई?

सिक्योरिटी प्रिंटिंग कॉरपोरेशन और वित्त मंत्रालय ने बताया कि नोटों को नए सिरे से बनाया जाना था। केंद्रीय बैंक के सूत्रों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीर अब नवीनतम नोटों पर नहीं होगी। डिजाइन में शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीर की जगह जुलाई में शेख हसीना के खिलाफ हुए प्रदर्शनों की तस्वीर होगी। मजहबी स्थानों और पारंपरिक बंगाली रूपांकनों को भी नोट में दिखाया जाएगा।रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बंगबंधु की तस्वीर को समय के साथ सभी तरह के नोटों से हटाने की व्यापक योजना में नई डिजाइन शामिल है। नए नोटों की छपाई इस महीने निविदा प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही शुरू हो जाएगी, और अगले वर्ष जून तक इन्हें उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।

सिक्योरिटी प्रिंटिंग कॉरपोरेशन के पूर्व प्रबंध निदेशक और बांग्लादेश बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक जियाउद्दीन अहमद ने कहा, “सरकार के आदेश के बाद बंगबंधु मुजीब की तस्वीर वाले करोड़ों नोट बैंकों के लॉकर में बंद पड़े हैं। नोट छापने वाले कारखानों में फिलहाल सभी नोटों को बंद करने और नए नोट छापने की क्षमता नहीं है। ऐसे में जितने नए नोट छप चुके हैं, उन्हें जल्दी से जल्दी बाजार में बेचना चाहिए।”

रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये के मुजीब-उर-रहमान की तस्वीर वाले नोटों की बिक्री अचानक रोक दी गई। नई करेंसी भी नहीं आई है। ऐसे में बांग्लादेश की मुद्रा स्थिति बदतर हो गई है। स्थिति और बिगड़ सकती है अगर यह नहीं सुधरती।

इसे लेकर बांग्लादेश में कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए हैं। शेख मुजीब की बेटी शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग ने अतंरिम सरकार के इस निर्णय का कड़ा विरोध किया है।बांग्लादेशी अधिकारियों ने दावा किया है कि शेख मुजीब की तस्वीर वाले नोटों को बाजार से हटाने में पांच से सात साल भी लग सकते हैं।

बांग्लादेश में हालात कैसे हैं?

बांग्लादेश में नए डिजाइन वाले नोटों की छपाई में आने वाली समस्याओं और अंतरिम सरकार द्वारा पुराने नोटों की छपाई को बंद करने के परिणामस्वरूप समस्याएं पैदा होने लगी हैं। दरअसल, बाजार में गंदे, पुराने और बेकार नोटों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में कुछ ही महीनों में नकदी बढ़ जाएगी जो खर्च नहीं होगी।

प्रथोम आलो से बातचीत में शफीउल इस्लाम, एक निजी संस्थान के कर्मचारी, ने बताया कि उन्होंने दुकानदार से 420 टका का सामान खरीदा और इसके लिए 1000 टका का नोट थमाया। दुकानदार ने उन्हें 200, 100, 50, 20, और 10 टका के नोट दिए। 20 टका और 200 टका के नोट इस्तेमाल नहीं कर सकते थे। उनके पास नए नोटों की कमी के चलते इन्हें लेना ही एकमात्र विकल्प है।

याचिकाकर्ता अजमल हुसैन ने कहा कि उन्होंने एक बैंक एटीएम से 20,000 टका निकाले। हजार टका के तीन नोट इस्तेमाल के योग्य नहीं थे। हालाँकि, बैंक इन नोटों को बदल नहीं सकता अगर वे बैंक को वापस भी करना चाहते हैं।

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