वर्तमान पाकिस्तान: अचानक हमला हुआ।10 से 15 मिसाइलें गिरी; भारत के हमले की आंखों-देखी जानकारी पाकिस्तानियों ने सुनाई

6 मई से 7 मई की दरमियानी रात को 1:05 बजे से 1:30 बजे तक पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए देश के सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। 25 मिनट के इस ऑपरेशन में नौ आतंकी शिविरों को 24 मिसाइलों से ध्वस्त किया गया। भारत पर हुए हमलों से पाकिस्तानी लोग दहशत में हैं। वहीं कई लोगों ने बताया कि वे हमले को देखा था।

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के आतंकवादी अड्डों को मिसाइल और ड्रोन से भारी नुकसान पहुंचा है। भारत ने सटीकता से कार्रवाई की, लेकिन आम लोग दहशत में हैं। लोगों ने हमले का प्रत्यक्ष अनुभव किया। बताया कि हमला अचानक शुरू हुआ और कई स्थानों पर एक के बाद एक मिसाइलें गिरीं।

पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कस्मीर के मुजफ्फराबाद में भारतीय सेना ने एक मदरसे को निशाना बनाया, जो आतंकियों को प्रशिक्षित करता था। मदरसा मस्जिद में था। स्थानीय निवासी अहमद अब्बासी ने कहा कि हमला अचानक शुरू हुआ। यहाँ दस से पंद्रह मिसाइलें गिरीं। नीलम रोड पर स्थित शावई नाला कैंप पर भी मिसाइलें बरसाईं गईं। बैत-उल-मुजाहिदीन भी इसका नाम है। यह लश्कर-ए-ताइबा का मुख्य आश्रय था। 2008 में अजबल कसाब और 26 नवंबर को मुंबई पर हमला करने वाले अन्य आतंकियों को इसी शिविर में प्रशिक्षण मिला था।

हमले में बहावलपुर के अहमदपुर पूर्व में स्थित सुभान मस्जिक भी ध्वस्त हो गया। यह जैश-ए-मोहम्मद और उसके संस्थापक सरगना मौलाना मसूद अजहर के मुख्य स्थानों में से एक था। यहाँ चार मिसाइलें गिराई गईं। पुलवामा सहित भारत में जैश ने कई आतंकी हमले किए हैं। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में एक मस्जिक का प्रशासनिक कार्यालय ड्रोन से किए गए हमले में पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। हम सो रहे थे, एक नागरिक ने बताया। एक ड्रोन पहुंचा, फिर तीन और आए। मस्जिद की छत और प्रशासनिक कार्यालय दोनों ड्रोन हमले में क्षतिग्रस्त हो गए। छत पर बैठा एक अधिकारी मारा  गया।

डरे हुई लोग घरों से बहार भागे।

एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि हमले के बाद लोगों में भय फैल गया और लोग खेतों और खुले स्थानों पर निकल गए, जिससे रात भय में गुजरी। मुरीदके के नांगल साहदान में लश्कर-ए-ताइबा का मदरसा मरकज तैयबा है, जो आतंकियों को प्रशिक्षण देने का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। इस क्षेत्र में हथियार और शारीरिक प्रशिक्षण की सुविधा है और आतंकवादी संगठनों को कट्टरपंथ का प्रशिक्षण पाकिस्तान और बाहर से मिलता है। डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा भी यहां आए थे, जो मुंबई हमले के प्रमुख साजिशकर्ता थे।

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