New Income Tax Bill: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में नए आयकर विधेयक का खुलासा किया। इसे 7 फरवरी, 2025 को संसद में पेश किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस विधेयक की जरूरत क्यों है? इसका करदाताओं पर क्या असर पड़ेगा, जानिए सबकुछ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में नए आयकर विधेयक का खुलासा किया। इसे 7 फरवरी, 2025 को संसद में पेश किया जा सकता है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, “पिछले 10 वर्षों में, हमारी सरकार ने करदाताओं की सुविधा के लिए कई सुधार लागू किए हैं, जैसे फेसलेस असेसमेंट, टैक्सपेयर्स चार्टर, तेज रिटर्न, लगभग 99 प्रतिशत रिटर्न का स्व-मूल्यांकन और विवाद से विश्वास योजना। इन प्रयासों को जारी रखते हुए, मैं कर विभाग की “पहले विश्वास करो, बाद में जांच करो” की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हूं। मैं अगले सप्ताह नया आयकर विधेयक पेश करने का भी प्रस्ताव करती हूँ।”
नए आयकर विधेयक की जरूरत क्यों है, इससे करदाताओं पर क्या असर पड़ेगा, लोगों को इस विधेयक से क्या उम्मीद करनी चाहिए, आइए जानते हैं।
आयकर अधिनियम 1961 पिछले छह दशकों से अस्तित्व में है और इसमें 298 धाराएं और 23 अध्याय हैं। पिछले कुछ वर्षों में, लगभग हर केंद्रीय बजट में नए संशोधनों के एलान से वर्तमान आयकर विधेयक बहुत जटिल हो गया है। इसलिए, आयकर विधेयक को अधिक संक्षिप्त व सरल बनाने के लिए सरकार एक नया आयकर विधेयक पेश कर रही है। कहा जा रहा है कि नया विधेयक कर अनुपालन को आसान बनाएगा, विवादों को कम करेगा और करों के बारे में अधिक स्पष्टता प्रदान करेगा।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, “मुझे देश को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि नया आयकर विधेयक “न्याय” की भावना को आगे बढ़ाएगा। नया विधेयक पढ़ने में आसान और सीधा होगा, जिसमें अध्यायों और शब्दों दोनों के रूप में वर्तमान कानून का लगभग आधा हिस्सा होगा। करदाताओं और कर प्रशासन के लिए इसे समझना आसान होगा, इससके अमल में आने से कर निश्चितता और मुकदमेबाजी में कमी आएगी।” वित्त मंत्री के अनुसार नया विधेयक संक्षिप्त व सरल भाषा में होगा, जिससे करदाताओं के लिए इसे समझना और अनुपालन करना आसान हो जाएगा। इसके अलावा, इसका उद्देश्य सुव्यवस्थित कर कानूनों के माध्यम से कानूनी अस्पष्टताओं को कम करना है। साथ ही, इसे इस तरह से तैयार किया गया है कि यह अंतराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रहे।